वो चाहत है मेरीसुकून दिन को रातों को राहत नहीं है,मुझे फिर भी उससे कोई शिकायत नही है,मेरा हक़ उस पर जताऊ तो कैसे,वो चाहत है मेरी अमानत नहीं है… (362)Share This Shayari With Your Friends Published: March 29, 2017 Categories: प्यार भरी शायरी, लव शायरी