दिल तड़पता हैउनके दीदार के लिए दिल तड़पता है, उनके इंतज़ार में दिल तरसता है, क्या कहें इस कमबख्त दिल को अब, अपना होकर भी जो किसी और के लिए धड़कता है.. (416)Share This Shayari With Your Friends Published: December 18, 2017 Categories: दर्द-भरी शायरी, बेवफ़ा शायरी